इतिहास - अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली
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इतिहास

प्रस्तावना

दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के प्रस्ताव के पीछे कई प्रेरक घटक हैं। आयुर्वेद के प्रति बढ़ती वैश्विक मांग ने आयुर्वेद के उत्कृष्टता केंद्र के लिए बहुत जोर दिया है जो न केवल आयुर्वेद उत्पादों के आरएंडडी और मानकीकरण आवश्यकताओं को पूरा करता है बल्कि तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल करने और आयुर्वेद के भिन्न अध्ययन के विषयों में अंतर्विषयक प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करने के उद्देश्य को भी पूरा करता है। राष्ट्रीय राजधानी नगर और देश में अन्यत्र कोई केंद्रीय सरकारी संस्था अत्याधुनिक आयुर्वेदिक उपचार सुविधाएं प्रदान नहीं करती है, जहां आम जनता के साथ-साथ आने वाले राजनयिकों, प्रतिनिधि मंडलो और अन्य इच्छुक विदेशी आगंतुकों को लिया जा सके ताकि उनको क्लासिकल आयुर्वेद थेरापी, शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान की झलक या पहले अनुभव के दर्शाया जा सके। अभाआसं इस अंतर को कम करेगा और ऐसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं के आयुर्वेदिक उपचार के लिए विदेशी रोगियों को आकर्षित करने में उपयोगी होगा, जिनके लिए अन्य चिकित्सा पध्दतियों में समाधान नहीं मिला है। संस्थान द्वारा भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने और आयुर्वेद की शक्ति को प्रदर्शित करने की प्रत्याशा है।

अभाआसं की स्थापना

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की आयुर्वेद के लिए एक शीर्ष संस्थान के रूप में संकल्पना की गयी है। इसका लक्ष्य आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी के बीच तालमेल बैठाना है। संस्थान में आयुर्वेद के विभिन्न अध्ययन के विषयों में स्नातकोत्तर और डाक्टर्ल पाठ्यक्रम होंगे और इसमें आयुर्वेद के मूल अनुसंधान, औषधि विकास, मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन और आयुर्वेदिक चिकित्सा के वैज्ञानिक सत्यापन पर संकेन्द्रण होगा। चिकित्सीय अनुसंधान की सुविधा के लिए संस्थान में 200 बैड वाला रेफरल अस्पताल है। संस्थान में 25 स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और 12 क्लीनिक हैं, जिसमें 8 अंतर-विषयक अनुसंधान प्रयोगशालाएँ हैं, जिनमें प्रतिवर्ष पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए कई अध्यताओं की पहुँच होती है। अस्पताल नवोन्नत आधुनिक नैदानिक उपकरणों और तकनीकों से सुसज्जित होगा, जिनका उपयोग शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान में किया जाता है। रोगी की देखभाल मुख्य रूप से तृतीयक स्तर के आयुर्वेद के माध्यम से की जाती है। इस संस्थान का आयुर्वेद में वैश्विक प्रोन्नति और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगी केंद्र भी है।

अंतिम अद्यतन : 15th Jun 2023