एकीकृत धारणा में पूरे व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और इष्टतम स्वास्थ्य और उपचार प्राप्त करने के लिए सभी उपयुक्त चिकित्सीय धारणाओं, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और पेशे का उपयोग किया जाता है।
यह अच्छी तरह से प्रमाणित है कि आयुर्वेद और अन्य आयुष चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक देश के विभिन्न भागों में विभिन्न प्रकार की कैंसर स्थितियों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए अभ्यास कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं। कैंसर के मामले में प्रबंधन के बजाय रोकथाम को अधिक महत्व दिया जाता है और आयुष चिकित्सा पद्धति में इस पर जोर दिया जाता है। इसलिए सिस्टम (सद्वृत्त और आचार रसायन) में विस्तार से बताई गई जीवन शैली की पद्धति को अपनाकर कैंसर की रोकथाम पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। प्रबंधन के पहलू में, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं से निपटने के लिए सहायक चिकित्सा से शुरुआत की जा सकती है, क्योंकि पारंपरिक उपचार से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का मुकाबला करने के कई सबूत हैं। बाद में कैंसर के क्षेत्र में प्रसिद्ध और सफल चिकित्सकों को सोशल मीडिया का उपयोग करके एक मंच पर लाया जाएगा और रसायन चिकित्सा, पंचकर्म आदि सहित उपयुक्त स्क्रीनिंग उपचार नीतियों पर चर्चा की जाएगी और भावी अनुसंधान कार्य के लिए अपनाया जाएगा।
उपशामक देखभाल में भूमिका
इष्टतम कार्य को शीघ्र प्रारम्भ करने को सुनिश्चित करने के लिए भौतिक और व्यावसायिक चिकित्सा सहित प्रारंभिक और सतत आक्रामक पुनर्वासन मध्यवर्तन प्रदान किया जाना चाहिए। पुनर्वास तकनीकों (पंचकर्म और अन्य) के प्रयोग से अक्सर तेजी से कार्यात्मक सुधार होता है और व्यक्तिपरक शिकायतों में कमी आती है, तब भी जब जीवन के लिए रोग के लक्षण को खराब माना जाए। ये मध्यवर्तन, जब एक एकीकृत और समय पर किए जाते हैं, जीवन को लम्बा करते हैं, अंगों और अवशिष्ट स्वस्थ ऊतकों की रक्षा करते हैं, दर्द में कमी करते हैं, और स्वयं की देखभाल और गतिशीलता कौशल को अधिकतम सीमा तक प्रदान करते हैं और कैंसर के लक्षण और शारीरिक हानि को कम करने में मदद करते हैं जिससे कैंसर रोगी को आत्म-सम्मान और बेहतर जीवन मिलता है।
एकीकरण की आवश्यकता:
जबकि पारंपरिक पदधतियां विशिष्ट रोग स्थितियों के लिए मानकीकृत उपचार प्रोटोकॉल उपलब्ध कराती हैं, पौराणिक पदधतियां अधिक वैयक्तिक उपचार प्रदान करती हैं। इस क्षेत्र में निरंतर प्रगति हुई है और ऐसा माना जाता है कि पारंपरिक चिकित्सा को विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियों में उपयोग के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ पारंपरिक दवाएं पुनरुत्पादनीय परिणामों वाले सभी व्यक्तियों पर समान रूप से उपयोग करने में सक्षम हो सकती हैं। कैंसर के उपचार के तौर-तरीकों की वर्तमान स्थिति आगामी अनुसंधान की मांग करती है, इस प्रकार सभी संभावित क्षेत्रों का पूरी तरह से पता लगाना कार्रवाई का सबसे अच्छा तरीका प्रतीत होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ पंजीकृत 170 देशों में 80% से अधिक आबादी आज भी पारंपरिक दवाओं का उपयोग कर रही है। परिणामस्वरूप, यह अनिवार्य है कि विभिन्न क्षेत्र एक अच्छी तरह से अनुसंधान करने, सुरक्षित, प्रभावी, किफायती और प्रामाणिक उपचार प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए मिलकर काम करें जो व्यापक रोगी देखभाल उपलब्ध कराता है, जिससे इन दवाओं और उनके प्रभावों की जानकारी में सुधार होता है और पूरे विश्व में इसे सुकर बनाया जाता है।
उद्देश्य:-
सभी वैश्विक चिकित्सा परंपराओं को शामिल करते हुए अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण, नेतृत्व, अंतर-पेशेवर सहयोग, अनुसंधान और समर्थन में स्वास्थ्य कर्मियों और हैल्थ प्रोफेशनल के एक वैश्विक समुदाय को शामिल करने के लिए समर्पित ताकि स्वास्थ्य के सृजन को प्रोन्नत किया जा सके और कैंसर के रोगियों के लिए साक्ष्य सहित व्यापक, सस्ती, स्थायी व्यक्ति-केंद्रित देखभाल उपलब्ध करायी जा सके।
एकीकरण के क्षेत्र–