आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के तहत स्नातकोत्तर/डॉक्टरल और पोस्ट-डॉक्टरल शिक्षण, अनुसंधान सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण रोगी देखभाल सेवाएं प्रदान करना।
शिक्षा, अनुसंधान, रोगी देखभाल के उच्चतम मानक निर्धारित करने के लिए एक रेफरल अस्पताल और “उत्कृष्टता केंद्र” के रूप में कार्य करना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक नमूना केंद्र के रूप में भी कार्य करना।
आयुर्वेद की शक्ति, प्रभावकारिता और लोकप्रियता दिखाने के लिए एक आदर्श संस्थान के रूप में कार्य करना। भारत और विदेशों में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए संस्थान का उपयोग किया जाएगा।
स्पेशलिटी में सेवाएं प्रदान करना जैसे पंचकर्म, कायाचिकित्सा, वात-व्याधि, रसायन, कायाकल्प, त्वचा रोग (त्वचा विकार), वाजीकरण, शल्य तंत्र, क्षार एवं अनुशास्त्र कर्म (जालौका और रक्त मोक्षण, अग्नि कर्म आदि), मर्म चिकित्सा, वृक्क रोग (नेफ्रोलॉजी), मूत्र रोग (यूरोलॉजी), शालक्य (आंख, ईएनटी और दंत रोग), स्त्री रोग और प्रसूति तंत्र, बाल रोग, रोग निदान, जीवन शैली और चयापचय संबंधी रोग, योग और स्वस्थ वृत्त, आहार विधि विज्ञान, आयुर्वेदिक फार्मेसी, आयुर्वेद के मूल सिद्धांत और उस व्यवस्था में उनको लागू करना जिसके साथ बायोमेडिसिन, चालू प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी उपायों के लाभों के साथ आयुर्वेद की पुरातन परंपरा का संयोजन है।
सभी आयुर्वेदिक स्पेशलिटी में और स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन कार्यक्रमों में भी स्नातकोत्तर-डाक्टरल और पश्च डाक्टरल शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना। इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से रोग निदान और उपचार के लिए गौण और तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की पूर्ति के लिए सभी आवश्यक अवसंरचना होगी।
सहयोगी, अन्तर्विषयक अनुसंधान के माध्यम से आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं के वैज्ञानिक आधार का पता लगाने और उल्लेख करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देना। इस दिशा में विभिन्न आर एंड डी संस्थाओ की सहायता से आवश्यक अवसंरचना विकसित की जाएगी जिसमें आयुर्वेद और सिध्दा में केन्द्रीय अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर)स वैज्ञानिर एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) और अन्य राष्ट्रीय स्तर के संस्थान शामिल हैं। आवश्यकता विशेष चिकित्सकीय और औषधि अध्ययन पर परियोजना आधारित अनुसंधान कार्यक्रम आयोजित करने में योगदान करने वाले संस्थानों के मानव संसाधनों और अवसंरचना का उपयोग किया जाएगा।
सभी शाखाओं में स्नातकोत्तर/डॉक्टरल और पोस्ट-डॉक्टरल आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा में प्रतिदर्श शिक्षण साधनों, शिक्षण के मॉड्यूल का प्रदर्शन विकसित करना ताकि आयुर्वेदिक संस्थाओं में उपयोग के लिए शिक्षा के उच्च मानकों का प्रदर्शन किया जा सके।