उपलब्धियां
- माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभाआसं को राष्ट्र को समर्पित करना: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (अभाआसं) का दृग्विषय मानवता के लाभ के लिए आयुर्वेद की तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अनुसंधान के उत्कर्ष का एक उत्कृष्ट केंद्र बनना है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा धन्वंतरि जयंती (17 अक्टूबर , 2017) को मनाए गए दूसरे आयुर्वेद दिवस के अवसर पर संस्थान का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया और सेवा के लिए राष्ट्र को समर्पित किया गया ।
उद्घाटन समारोह में श्री श्रीपद येसो नाइक, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय, पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय शामिल हुए और आयुष मंत्रालय, विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों, अनुसंधान परिषदों के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा समारोह की शोभा बढ़ाई गई और 2500 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सक,अकादमिशियन, अनुसंधानकर्ता, और पूरे भारत की सामान्य जनता समारोह में एकत्रित हुई। इस अवसर पर माननीय प्रधान मंत्री द्वारा दर्द प्रबंधन के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियों की एक विषयगत प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में अभाआसं को आयुष में “उत्कृष्टता केंद्र” के रूप में देखने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और अभाआसं की समृद्धि की कामना की।
- एनएबीएच एक्रीडिटेशन: अभाआसं अस्पताल में आने वाले रोगियों को गुणवत्ता सेवा प्रदान करने और अभाआसं अस्पताल के समस्त स्टाफ को गुणवत्ता अभ्यास का पालन करने के साथ-साथ अस्पताल में सुरक्षा और संक्रमण नियंत्रण उपायों पर जोर देने के साथ निरंतर गुणवत्ता सुधार बनाए रखने के लिए, अभाआसं ने एनएबीएच एक्रिडिटेशन की प्रक्रिया पहल की। अपनी स्थापना के दूसरे वर्ष में ही, अभाआसं एनएबीएच एक्रिडिटेशन का प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त करने वाला पहला आयुर्वेदिक सरकारी अस्पताल बन गया और 06 जुलाई 2017 को इसे एनएबीएच एक्रिडिटेशन प्रमाणप्रत्र प्रदान किया गया।
- द्वितीय चरण के निर्माण का अनुमोदन एवं स्वीकृतिः चालू वित्तीय वर्ष में अभाआसं को इसके निर्माण के द्वितीय चरण का अनुमोदन प्रदान किया गया था। कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 60966 वर्ग मीटर होगा। निर्माण योजना में निम्नलिखित मुख्य विशेषताएं हैं
- चरण II, अभाआसं, सरिता विहार में आठ ब्लॉक और 3 लेवल बेसमेंट होंगे
- 500 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाली अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक ऑडिटोरियम
- आयुष खेल परिसर
- फार्मेसी यूनिट
- स्टेट ऑफ आर्ट सेंट्रल लाइब्रेरी
- पंचकर्म विंग
- अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह
- रिहायशी परिसर
- लड़के और लड़कियों के छात्रावास आदि।
- सेंटर ऑफ़ इंटीग्रेटिव ऑन्कोलॉजी (सीआईओ) और वेब लिंक का लॉन्च: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (अभाआसं) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (एनआईसीपीआर) के एक संयुक्त उद्यम के रूप में, सेंटर ऑफ़ इंटीग्रेटिव ऑन्कोलॉजी (सीआईओ) की स्थापना की गई है। जिसका आशय कैंसर की रोकथाम और प्रबंधन के क्षेत्र में एकीकृत अभ्यास करना हैं। वर्ष 2016 में अभाआसं और एनआईसीपीआर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। “कैंसर जागरूकता सप्ताह” के आयोजन के दौरान, सीआईओ की वेबसाइट लिंक को निदेशक, अभाआसं द्वारा फरवरी, 2018 में लॉन्च किया गया था।
- नेशनल फार्माकोविजिलेंस कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना: भारत में नेशनल फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम में एएसयू और एच ड्रग्स के लिए प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की नगण्य संख्या को ध्यान में रखते हुए; आयुष मंत्रालय ने आगामी नियामक कार्रवाई के लिए एडीआर रिपोर्टिंग, प्रलेखन और विश्लेषण की संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से एएसयू और एच दवाओं के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम शुरू किया। आयुष मंत्रालय ने मार्च, 2018 में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली को राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस समन्वय केंद्र के रूप में नामित किया है।
- जर्नल ऑफ़ आयुर्वेद केस रिपोर्ट्स (आयुकेयर): अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा आयुर्वेद केस रिपोर्ट्स का एक विशेष जर्नल प्रकाशित किया जा रहा है। इसमें नैदानिक विशिष्टताओं से मामले की रिपोर्ट आमंत्रित की जाती है और इसका भाग बनने के लिए आयुर्वेद और संबद्ध चिकित्सा विज्ञान के छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं और संकाय के लिए अवसर प्रदान करता है। इस पहल से आयुर्वेद और संबद्ध विज्ञानों के दावों और सिद्धांतों के लिए एक व्यवस्थित तरीके से साक्ष्य आधार तैयार करने, शोध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा है। आयुकेयर के दो अंक प्रकाशित हो चुके हैं और तीसरा अंक पाइपलाइन में है।
अन्य उपलब्धियाँ:
संकाय सदस्यों द्वारा विदेश दौरे: अभाआसं को गर्व है कि वर्ष 2017-18 के दौरान, लगभग 11 संकाय सदस्यों को विश्व में आयुर्वेद के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की स्थापना और प्रचार के लिए विभिन्न देशों का दौरा करने के लिए प्रतिनियुक्त/आमंत्रित किया गया था।
- अभिमन्यु कुमार ने 22 से 28 अप्रैल, 2017 तक शिकागो और 8-10 सितंबर, 2017 तक जर्मनी का दौरा किया और आयुर्वेद वार्षिक सम्मेलन के यूरोपीय अकादमी में भाग लिया, और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त किए जाने पर अतिथि व्याख्यान दिया
- तनुजा नेसरी ने 19 वीं अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद संगोष्ठी में भाग लेने के लिए 8-10 सितंबर, 2017 तक यूरोपियन एकेडमी ऑफ आयुर्वेद, बिरस्टीन, जर्मनी का दौरा किया।
- आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने 23 से 25 जून, 2017 तक पोलैंड में भारतीय दूतावास के सहयोग से सुलिसलाव योग और आयुर्वेद संस्थान द्वारा आयोजित “योग और आयुर्वेद पर चौथे वैज्ञानिक सम्मेलन” में भाग लेने के लिए पीके प्रजापति को प्रतिनियुक्त किया।
- मंजूषा आर ने शालक्य सांदीपनी -2017, श्रीलंका, शालक्य तंत्र में हाल की प्रगति, शालक्य तंत्र 2017 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, गम्पहा वोकरमाराच्ची आयुर्वेद संस्थान, केलानिया विश्वविद्यालय, श्रीलंका द्वारा द एसोसिएशन ऑफ शलाकी – इंडिया के सहयोग से 16 और 17 सितंबर 2017 को आयोजित टीएएस-इंडिया के तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया।
- सुजाता कदम ने शालक्य सांदीपनि -2017, श्रीलंका, शालक्य तंत्र में हाल की प्रगति, शालक्य तंत्र 2017 को पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए 16 और 17 सितंबर 2017 श्रीलंका का दौरा किया।
- राजागोपाला एस ने 19 सितंबर 2017 – 3 अक्टूबर 2017 तक ऑस्ट्रिया (ग्राज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, ग्राज़) का दौरा किया और आयुर्वेद पर एक संगोष्ठी में भाग लिया और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रतिनियुक्त किए जाने पर एक अतिथि व्याख्यान दिया।
- यूक्रेन में आयुर्वेद व्यापार, शैक्षिक पाठ्यक्रम और पेशे को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए गालिब ने 27 – 28 मार्च, 2018 के दौरान कीव, यूक्रेन में ‘आयुर्वेद’ पर एक कारबार सेमीनार और द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया। यूक्रेन में आयुर्वेद उत्पादों के आयात और पंजीकरण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए यूक्रेनियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (यूसीसीआई), कीव के साथ चर्चा की गई। अल्पावधि के आयुर्वेद पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावना और केवाईआईवी मेडिकल यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद चेयर स्थापित करने या आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन करने की संभावना के लिए केवाईआईवी मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ भी चर्चा की गई।
- डॉ. शिव कुमार हरति को आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 23 सितंबर और 24 सितंबर, 2017 को ‘फेस्टिवल ऑफ इंडिया, बैंकॉक, थाईलैंड’ में वक्ता के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था।
- डॉ. मंगलागौरी वी राव ने 27 फरवरी से 2 मार्च 2018 तक कैसाब्लांका और रबात, मोरक्को में आयुर्वेद सप्ताह के आयोजन के लिए एक आयुष विशेषज्ञ के रूप में मोरक्को का दौरा किया। कैसाब्लांका और रबात, मोरक्को में विश्वविद्यालय के छात्रों, अधिकारियों और आम जनता के लिए मोरक्को के लोगों के लिए डायटेटिक्स कार्यशाला आयोजित की और रोगों की रोकथाम और प्रबंधन और गर्भावस्था के लिए आयुर्वेद देखभाल के लिए आयुर्वेद में आहार और पाक पध्दतियों पर व्याख्यान दिया।
- डॉ. वीजी हुददार ने 16 से 19 जुलाई 2017 तक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 के दौरान कोलंबो में आयुर्वेद विशेषज्ञ के रूप में श्रीलंका का दौरा किया।
- प्रशांत डी ने आयुर्वेद परामर्श देने और जागरूकता व्याख्यान देने के लिए 16-27 जून 2017 तक रीयूनियन प्रायद्वीप, फ्रांस का दौरा किया।
- महापात्रा अरुण कुमार ने फरवरी, 2018 माह में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए ताजिकिस्तान का दौरा किया और आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के कार्यक्रमों में भाग लिया और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान दिए।
अभाआसं के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का दौरा: अपनी स्थापना की अल्प अवधि में, अभाआसं अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है और आयुर्वेद में चिकित्सा पर्यटन का हब बनने की कगार पर है। वर्ष 2017-18 के दौरान निम्नलिखित प्रतिनिधिमंडलों ने अभाआसं का दौरा किया
- एनआईएच, यूएसए के प्रतिनिधिमंडल का दौरा, 7 जुलाई , 2017
- डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों का दौरा, 11 अक्टूबर , 2017
- बिम्सटेक प्रतिनिधिमंडल का दौरा, 25 अक्टूबर , 2017
- मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल का दौरा, 3 नवंबर , 2017
- आरोग्य के विदेशी प्रतिनिधियों का दौरा, 6 दिसंबर , 2017
- अर्जेंटीना से डॉ. जॉर्ज बेर्रा का दौरा, 6 दिसंबर , 2017
- कोरियाई प्रतिनिधिमंडल का दौरा, 20 दिसंबर , 2017
- 5 जनवरी, 2018 को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का दौरा, जिसमें डॉ. तेज पारीक, डॉ. संदीप अग्रवाल, प्रो. शेरोन मिलिगन शामिल थे
- 11 अफ्रीकी देशों के अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल का दौरा (30 प्रतिनिधि), 13 फरवरी , 2018
- 14 -19 फरवरी, 2018 के दौरान यूरोपियन एकेडमी ऑफ आयुर्वेद, जर्मनी का दौरा और सीएमई।