विभाग के बारे में परिचय - अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली
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विभाग के बारे में परिचय

विभाग के बारे में परिचय दृग्विषय: शालक्य तंत्र आयुर्वेद की वह शाखा है जो हंसली के ऊपर होने वाली बीमारियों के निदान और प्रबंधन से संबंधित है अर्थात आंख, कान, नाक, गला, सिर और गर्दन के रोग। चूंकि यह स्पेशलिटी शरीर के संकीर्ण और नाजुक भागों से संबंधित है, इसलिए इसके निदान और उपचार के लिए विभिन्न विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है। शालक्य स्पेशलिटी को सर्जिकल स्कूल के रुप में माना जाता है और विभाग तृतीयक स्तर पर चिकित्सा, सर्जिकल और पैरा-सर्जिकल सेवाओं की आवश्यकता वाले रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग सार्वजनिक देखभाल में  अन्तर्ग्रस्तता के साथ अन्तर विषयक जानकारी का सम्मिश्रण करके अर्थात् आधुनिक विज्ञान और रोगी-उन्मुख अनुसंधान को एकीकृत करके पीजी स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्रदान कर रहा है।
  1. मिशन: नेत्र, ईएनटी और ओरो दंत चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करते हुए चिकित्सा, सर्जिकल और पैरा-सर्जिकल प्रबंधन के क्षेत्रों में अत्यधिक क्षमता के साथ सर्वोत्तम संभव रोगी देखभाल प्रदान करना।
  2. पीजी, पीएचडी स्तर पर अत्याधुनिक शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करना और साथ ही संकाय और चिकित्सकों के लिए जानकारी का प्रसार करने वाले कार्यक्रम तैयार करना
एलर्जी, अपक्षयी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अंतःस्रावी, आंख और ईएनटी से संबंधित डिजिटल मीडिया-उन्मुख विकारों के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण स्थापित करना जिसमें ओरो-डेंटल विकारों के प्रबंधन आदि के साथ मौखिक स्वच्छता की देखभाल शामिल हैं।
  • उद्देश्य: शालक्य तंत्र के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी, सक्षम और विश्वस्त प्रैक्टिशनर तैयार करने के लिए उन्नत शिक्षण और खोजी उपकरणों का प्रयोग करके पीजी, पीएचडी स्तर पर व्यापक शिक्षण और अनुसंधान प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • नेत्र, ईएनटी और ओरो डेंटल केयर पर ध्यान केंद्रित करते हुए मेडिकल, सर्जिकल और पैरा-सर्जिकल प्रबंधन के साक्ष्य-आधारित अभ्यास का उपयोग करके उत्कृष्ट रोगी देखभाल सेवा प्रदान करना।