विभाग के बारे में परिचय:
रोग निदान एवं विकृति विज्ञान विभाग आयुर्वेद के विभिन्न नैदानिक सिद्धांतों और मौलिक सिद्धांतों को वैज्ञानिक आधार प्रदान करने के लिए काम कर रहा है और अभाआसं में चल रहे आयुर्वेदिक प्रबंधन उपचारों की नैदानिक प्रभावकारिता के साथ वस्तुनिष्ठ साक्ष्य प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और आयुर्वेद के उत्थान के लिए काम कर रहा है।
परिदृष्टि:
वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आयुर्वेदिक संकल्पनाओं पर किए गए अध्ययनों के माध्यम से वैज्ञानिक आधारों पर आयुर्वेद को मजबूत करना।
आयुर्वेद के विभिन्न मौलिक और नैदानिक पहलुओं के लिए स्कालरों में जानकारी को फैलाना और विकसित करना।
रोगजनक घटकों की जानकारी और रोगों संबंधी इसके निपटान के संबंध में स्कालरों में नैदानिक धारणा में क्षमता विकसित करना
छात्रों को उनकी क्षमता का निर्माण करने के लिए सिखाना और प्रशिक्षित करना
राष्ट्रीय ख्याति की संस्थाओं के साथ सहयोगी अनुसंधान परियोजनाएं
विभागीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला अवसंरचना का विकास करना
गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करते हुए प्रयोगशाला परीक्षण करके अस्पताल में रोगी देखभाल की सुविधा प्रदान करना।
मिशन:
आयुर्वेद विज्ञान को संरचित तरीके से देखने के लिए वैज्ञानिक जानकारी के साथ छात्रों को सशक्त बनाना, जो उन्हें आयुर्वेद की सभी शाखाओं की विषय – वस्तु की जानकारी प्राप्त करने में समर्थ बनाएगा और उन्हें अपने नैदानिक अभ्यास में इसे अपनाने में समर्थ बनाएगा।
उद्देश्य :
वैज्ञानिक प्रवृत्ति के साथ-साथ स्कालरों में आयुर्वेदिक निदान कौशल को बढाना।
आयुर्वेदिक निदान और उपचार में स्कालरों में नैदानिक दक्षता विकसित करना।
शिक्षण, रोगी देखभाल और प्रशिक्षण के सर्वोत्तम नमूनों के सृजन के प्रति धीरे-धीरे और लगातार प्रयास करना।